जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में गठबंधन के पीछे भाजपा महासचिव राम माधव की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. वे भाजपा में आने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में थे.
माधव मीडिया में सुर्खियां ज़्यादा नहीं बटोरते, पर जानकारों के मुताबिक़, पार्टी के सबसे संभावनाशील चेहरों में एक हैं.
बीबीसी संवाददाता इक़बाल अहमद ने 'द टेलीग्राफ़' की राजनीतिक संपादकराधिका रामाशेषन से राम माधव के राजनीतिक करियर पर ख़ास बातचीत.

पढ़ें विस्तार से


नरेंद्र मोदी, भाजपा नेता,

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नियमावली में 'प्रसिद्धि परिमुक्त' की एक ख़ास जगह है. इसका शाब्दिक अर्थ हुआ, 'चर्चा में आने से बचें.'
एक आदर्श स्वयंसेवक वही है जो चुनिंदा श्रोताओं के सामने आपने विचार रखने के अलावा कम बोले, जो चाल-चलन में सादगी बरते और अपने वरिष्ठों की कभी अवज्ञा न करे.
आरएसएस अपवाद में ही अपनी परिपाटियों का उल्लंघन करता है. नरेंद्र मोदी के मामले में ऐसा ही हुआ. मोदी जब आरएसएस 'प्रचारक' तभी उन्होंने ये साफ़ कर दिया था कि वो आरएसएस के 'क्या करें और क्या न करें' की सूची का पूरी तरह पालन नहीं करने वाले हैं.
मोदी कभी-कभी संघ की सुबह की शाखा में नहीं शामिल होते थे क्योंकि वो देर तक सोते रह जाते थे. उनके साथी लंबी बांह का कुर्ता पहनते थे तो वो छोटी बांह का. उन्होंने हमेशा हल्की दाढ़ी रखी और संघ के एक वरिष्ठ नेता ने उनको सार्वजनिक रूप से इसके लिए टोका था.

भरोसेमंद स्वयंसेवक


आरएसएस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हेडगेवार

अनुशासन के मामले में मोदी को छूट शायद इसलिए मिलती थी क्योंकि उनकी छवि एक कुशल और कर्तव्यनिष्ठ संगठनकर्ता की बन चुकी थी. एक ऐसा स्वयंसेवक जिसे कोई भी काम भरोसे के साथ सौंपा जा सकता है.
राम माधव भी आरएसएस की नियति तय करने वाले आदमी लग रहे हैं. वे भी मोदी की तरह संघ के प्रचारक रहे हैं.
साल 2003 में उन्हें बुज़ुर्ग एमजी वैद्य की जगह संघ प्रवक्ता बनाया गया. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को बार-बार चुनौती देने की वैद्य की आदत पड़ गई थी. इस वजह से संघ और भाजपा के बीच मतभेद की धारणा को बल मिलता था.
उन्होंने प्रवक्ता के रूप में संघ की विश्व दृष्टि को सबके सामने रखा. उन्होंने संघ के शीर्ष नेताओं के दुरूह लगने वाले बयानों को सरल रूप में पेश किया और पूर्व सरसंघचालक केसी सुदर्शन के अटपटे बयानों से उपजी स्थितियों में संघ का पूरी प्रखरता से बचाव किया.

वैचारिक खुलेपन की वकालत


आरएसएस के स्वयंसेवक

प्रमोद महाजन की तरह राम माधव भी बहुत ही असुविधाजनक लगने वाले मुद्दों पर भी संघ का बचाव बड़े विश्वसनीय ढंग से करते हैं.
माधव ने यह माना है कि नागपुर या दिल्ली के केशव कुंज के बंद समूहों को ताज़ा विचारों के लिए खुलापन दिखाने की ज़रूरत है.
उन्होंने माना कि आएएसएस को अपनी पोशाक बदलने की ज़रूरत है जो 1920 के दशक में चुनी गई थी. माधव के अनुसार संघ को आधुनिक पोशाक और प्रशिक्षण के तौर-तरीकों को अपनाना होगा ताकि टीवी और इंटरनेट वाली नई पीढ़ी को आकर्षित किया जा सके.
माधव संघ के उन शुरुआती लोगों में से थे जिन्होंने अपने शीर्ष नेताओं की नापसंदगी के बावजूद आईटी को अपनाया. उस समय संघ के बुज़र्ग नेता समझ नहीं पा रहे थे सोशल मीडिया कौन सी चीज़ है. आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का अपना ट्विटर एकाउंट है.

पीडीपी से बातचीत


नरेंद्र मोदी, मुफ़्ती मोहम्मद सईद

जब मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने  जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ समझौता करने के लिए राम माधव को मुख्य वार्ताकार बनाया तो पार्टी में किसी को आश्चर्य नहीं हुआ.
संध ने माधव को पिछले साल जुलाई में भाजपा भेजा. उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया. माधव ने संघ में अपनी वैश्विक पहचान बनाई.
माधव आरएसएस के ग्लोबल अंबेसडर सरीखे हैं. वो एक ब्रांड मैनेजर हैं, जैसे जिसे साबित करना था कि संघ की रूढ़िवादी पुरातनपंथी संगठन की छवि सही नहीं है.
पार्टी के एक अंदरूनी शख़्स के मुताबिक़ माधव ने क़रीब 10 साल तक थिंक टैंक, अकादमिक जगत और राजनयिकों से संवाद स्थापित करने पर केंद्रित रहे. उन्होंने ऐसे समूहों के नीचे के लोगों से शुरू करके बड़े मठाधीशों तक अपनी पहुँच बनाई.

चीन का अनुभव


Ram Madhav With Mr. Qiang Wei,Member of the Central Committee of Communist Party of China
राम माधव चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य कियांग वी के साथ.

यूपीए सरकार के कुछ बड़े कर्ताधर्ताओं ने भी माधव के प्रयासों का संज्ञान लिया जब वो नागपुर से ज़्यादा चीन की यात्रा पर जाने लगे थे. उनकी चीन यात्राओं का परिणति एक किताब, 'अनइज़ी नेबर्सः इंडिया एंड चीन ऑफ़्टर 50 ईयर्स ऑफ़ वार' के रूप में हुई.
उसके बाद उन्होंने अपना ध्यान ईरान की तरफ़ किया. तेहरान में हुए कॉन्टेम्पररी फ़िलासफ़ी ऑफ़ रिलीजन पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का प्रयोग उन्होंने 'मानव अधिकार और मानव गरिमा के बारे में हिन्दू दृष्टि' विषय पर अपने विचार रखने के लिेए किया.
माधव बड़े देशों की क़ीमत पर भारत के पड़ोसी देशों को नज़रअंदाज नहीं करते. साल 2013 में जब श्रीलंका दक्षिणपंथी बौद्ध संगठन बोहु बोले सेना का उदय हुआ तो वो उन शुरुआती लोगों में से थे जिन्होंने इस संगठन को समझने में रुचि दिखाई.
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भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अमृतसर संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया है कि वह नामांकन पत्र में अपनी पत्नी और बेटे के विदेशी बैंकों में खातों की जानकारी न देकर धोखा कर रहे हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वामी के आरोपों से सिरे से खारिज कर दिया है। सुब्रमन्यम स्वामी ने 2 जी मामले मैं भी व्हिस्त्ले ब्लोवेर का कं किया किया था जिसके चलते ए राजा को तिहाड़ जाना पड़ा था . सोनिया गाँधी कि फर्जी डिग्री का मामला भी सुप्रीम कॉर्ट तक ले जाने का श्रेय भी स्वामी जी को ही जाता है . ज्ञात हो कि इस मामले मैं सोनिया गाँधी को बाद मैं अदालत मैं माफी माँगनी पड़ी थी. कांग्रेस यों तो कयि बार स्वामी को मन हानि केस कि धमकी दे चुकी है पर सच तो ये है कि स्वामी कि अदालतों मैं परंगतता को देख् के कोंग्रेस हर बार दरि हुयी ही दिखी है
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हिन्दू धर्म में पुराण बहुत ही ऊँचा स्थान रखते हैं
इनकी संख्या 18 है . इनके नाम हैं -


मार्कण्डेय ,
मत्स्य , भागवत , भविष्य , विष्णु ,वामन , वायु ,
वाराह , ब्रह्माण्ड , ब्रह्म , ब्रह्मवैवर्त , अग्नि ,
नारद , पद्म , लिंग ,गरुण , कूर्म और स्कन्द .


18 उपपुराण - आदि पुराण, नरसिंह पुराण, स्कन्द
पुराण, शिवधर्म पुराण, दुर्वासा पुराण, नारदोक्त
पुराण, कपिल पुराण, वामन पुराण, औशनस पुराण,
ब्रह्माण्ड पुराण, वरुण पुराण, कालिका पुराण,
माहेश्वर पुराण, साम्ब पुराण, सौर पुराण, पाराशर
पुराण, मारीच पुराण, और भास्कर पुराण .


18 औप पुराण- सनत्कुमार पुराण, बृहन्नारदीय
पुराण,आदित्य पुराण,मानव पुराण, नंदिकेश्वर पुराण,
कौर्म पुराण, भागवत पुराण, वशिष्ठ पुराण, भार्गव
पुराण, मुद्गल पुराण, कल्कि पुराण, देवी पुराण,
महाभागवत पुराण, बृहद धर्म पुराण, परानंद
पुराण,पशुपति पुराण, वह्नि पुराण,और हरिवंश पुराण,
इस प्रकार पुराण , उप पुराण, औप पुराण तीनो 18
18 हैं। तीनो मिलाकर 54 होते हैं।


वेद 4 हैं - 1. ऋग्वेद , 2. यजुर्वेद , 3.अथर्वेद
और 4. सामवेद ।
उपवेद भी 4 है - गान्धर्व वेद , धनुर्वेद ,
आयुर्वेद , और स्थापत्यवेद .


वेद के 6 अंग हैं - कल्प , व्याकरण , निरुक्त ,
ज्योतिष , छंद और शिक्षा .
दर्शन भी 6 हैं - (1) मीमांसा (2) न्याय (3)
वैशेषिक (4) सांख्य (5) योग (6) वेदान्त
हिन्दू धर्म में संस्कार 16 होते हैं - गर्भाधान ,
सीमन्त , पुंसवन , जातकरण , नामकरण ,
निष्क्रमण , अन्नप्रासन , वपन -
क्रिया (चुडाकरण) ,कर्णवेध , उपनयन(व्रतादेश ) ,
वेदारम्भ , केशान्त (गोदान )समावर्तन ,
विवाह ,विवाह -अग्नि -परिग्रह , त्रेताग्नि- संग्रह
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सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा
मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
मेरी धरती मुझसे पूछ रही
कब मेरा कर्ज चुकाओगे?
मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभाओगे?
मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीष नहीं झुकने दूंगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं
वे बेच रहे हैं भारत को खामोश मैं कैसे हो जाऊं।
हां मैंने कसम उठाई है
मैं देश नहीं बिकने नहीं दूंगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा
वो जितने अंधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊंगा
वो जितनी रात बढ़ाएंगे मैं उतने सूरज उगाऊंगा।
इस छल-फरेब की आंधी में मैं दीप नहीं बुझने दूंगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे चाहते हैं जागे न कोई बस रात का कारोबार चले
वे नशा बांटते जाएं और देश यूं ही बीमार चले।
पर जाग रहा है देश मेरा हर भारतवासी जीतेगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मांओं बहनों की अस्मत पर,  गिद्ध नजर लगाए बैठे
हैं
मैं अपने देश की धरती पर अब दर्दी नहीं उगने दूंगा
मैं देश नहीं रुकने दूंगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की
मैं देश नहीं मिटने दूंगा
अब घड़ी फैसले की आई,  हमने है कसम अब खाई
हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है।
न भटकेंगे न अटकेंगे, कुछ भी हो इस बार
हम देश नहीं मिटने देंगे
सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।

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स्वयंभू गुलाम क्यों तिलमिला रहे हैं ग्रेक चैपल पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेक चैपल के बयान पर हाय तौबा मचाने वाले पहले अपनी गिरेवान में झांके। ग्रेक चैपल ने सही कहा कि अंग्रेजों ने भारतीयों को सर झुका कर रहना सिखाया। जिन लोगों को ग्रेक चैपल के बयान पर भारतीय अस्मिता पर प्रहार नजर आता है वे बतायें कि क्यों आज तथाकथित आजादी के 65 साल बाद भी न तो अपना नाम भारत ही देष को दे पाये, व नहीं अपनी भारतीय भाशा तथा नहीं भारतीय संस्कृति कमो ही अंगीकार ही कर सके। केवल गुलामी के बदनुमा फिरंगी नाम इंडिया, फिरंगियों की भाशा अंग्रेजी व उनकी फिरंगी संस्कृति को ही आज तक अपना पाये। यही नहीं फिरंगी गुलामी को सरमाथे पर रखते हुए आज तक भी हम भारत को गुलामी दासता के बदनुमा प्रतीक महारानी ब्रिटेन की सरपरस्थी में बने अंग्रेजी सम्राज्ञी के गुलाम देषों के संगठन कोमनवेल्थ यानी राश्ट्रमण्डल का सदस्य बन कर देष की आजादी के लिए षहादत देने वाले षहीदों की षहादत का घोर अपमान करने की धृश्ठता की है। देष में षासन चाहे गांधी के नाम का जाप करने वाली कांग्रेस पार्टी का रहा हो या भारतीय संस्कृति की दुहाई देने वाले संघ पोशित भाजपा का रहा हो या जय प्रकाष नारायण या अन्य किसी दलों का षासन रहा हो परन्तु देष से फिरंगी गुलामी का कलंक मिटाने के लिए किसी ने एक पल भी कदम नहीं बढ़ाया। देष की संस्कृति के प्राण, गौ गंगा व गीता का जितना अपमान आजादी के बाद हुआ उतना मुगलों व फिरंगियों के षासन के दौरान भी नहीं हुआ। ऐसे गुलामी में आत्ममुग्ध देष को देख कर अगर ग्रेक चैपल ने इस गुलामी को ही भारतीय संस्कृति समझने की भूल कर ली हो तो इसमें उनका दोश नहीं अपितु देष के हुक्मरान व देष के बुद्वजीवियों का है। संसार में कोई स्वाभिमानी विकसित देष जर्मनी, रूस, चीन, जापान, फ्रांस, इटली, इस्राइल सहित कोई ऐसा देष नहीं है जो संसार में अपनी भाशा व संस्कृति का भारत की तरह इस तरह से अपमान व उपेक्षा करता हो। इस देष में गुलामी को अंगीकार करना ही विकास समझा जाता हो, उस देष के गुलामी में आत्ममुग्ध समाज को अगर ग्रेक चैपल ने जरा आइना दिखाने का साहस किया तो इसमें तिलमिलाने के बजाय अगर भारतीय अपना आत्म चिंतन करते तो देष व संस्कृति को मजबूती मिलती ।
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all data is based on oxford dictionary and most popular american dictionary marium webster Arab Spring (अरब स्प्रिंग)- यानी बहार-ए-अरब या अरब बसंत, साल 2011 के प्रारंभ में ट्यूनीशिया लोगों के सब्र का बांध टूट गया क्योंकि एक फल विक्रेता मोहम्मद बुअज़ीज़ी ने महंगाई से तंग आकर आत्मदाह (17 दिंसबर) कर लिया. एक अनजान फल विक्रेता के इस क़दम ने उनके देश ट्यूनीशिया के अलावा सारे अरब जगत में एक क्रांति की शुरूआत कर दी जिसे पहले जैसमिन क्रांति का नाम दिया गया फिर अरब स्प्रिंग का. यहां ये बात बड़ी रोचक है कि अरब जगत में यमन से लेकर मोरक्को तक बसंत मौसम नहीं पाया जाता है शायद इसी कारण जब वहाँ लोकतंत्र की बयार चली तो अरब जगत की क्रांति को अरब स्प्रिंग के नाम से जाना गया. यहां ये बात भी याद रखनी चाहिए कि इस क्रांति के कारण अरब जगत में दशकों की यथास्थिति के बाद परिवर्तन की बयार नज़र आती है. बुअज़ीज़ी के आत्मदाह के एक साल के भीतर तीन अरब देशों के राष्ट्राध्यक्ष को सत्ता छोड़ना पड़ा कुछ अब भी अपनी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. Tebow (टेबो)- यानी अपने घुटनों पर खड़े होकर प्रार्थना करना, यह शब्द Tim Tebow (टिम टेबो) के नाम पर बना है जो डेनवर ब्रॉंको के क्वार्टर बैक थे और खेल के बीच ही में प्रार्थना करने लगते थे. आजकल हम इंटरनेट पर तरह तरह की अजीबो ग़रीब तस्वीरें देखते हैं जो लोग कहीं भी बैठ कर खींच लेते हैं, इस काम को भी टेबो कहते हैं. bunga bunga (बुंगा बुंगा) का प्रयोग इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की ओर से आयोजित की जाने वाली पार्टी के बारे में किया जाता है जिस में आयोजक यौन संबंध बनाने के लिए बहुत सी सुंदरियों को आमंत्रित करे. बहुत से इटली के नागरिकों को इससे काफ़ी शर्मिंदगी भी हुई है. अरब जगत में आई जनतांत्रिक लहर को अरब स्प्रिंग का नाम दिया गया Sodcasting (सोडोकास्टिंग)- यह पॉडकॉस्ट के बाद आने वाला शब्द है. आपने अक्सर देखा होगा कि लोग अपने मोबाईल फ़ोन का स्पीकर ऑन करके ज़ोर ज़ोर से संगीत सुनते हैं इसी तरह गाने या संगीत सुनने को सोडोकास्टिंग कहा जाता है. Bromance (ब्रोमांस) पॉप कल्चर का शब्द है जिसका अर्थ होता है दो पुरुष के बीच गहरी दोस्ती लेकिन जिसमें यौन संबंध न हो. यह bro और romance का मिला हुआ रूप है और पहली बार 2004 में सामने आया था. इसी प्रकार एक शब्द है cougar (कूगर) जिसका अर्थ है ऐसी अधेड़ महिला जो अपनी उम्र से छोटी उम्र के नौजवान से रोमांटिक संबंध बनाना चाहती है. इसका प्रचलन कॉर्टनी कोक्स की लोकप्रिय टीवी सीरियल कूगर टाउन से काफ़ी बढ़ गया. वैसे कूगर पहाड़ी चीते, शेर, बाघ को भी कहते हैं जो अमरीका में पाया जाता था लेकिन अब लुप्त हो रहा है. Boomerang child (बूमरैंग चाइल्ड) में बूमरैंग का अर्थ तो आप जानते ही हैं जो ख़ुद पर पलट कर वापस आए. तो इससे आप समझ सकते हैं कि बूमरैंग चाइल्ड क्या हो सकता है. हां आप ठीक समझे लेकिन इसमें ज़रा सा भेद है. यह उस नवयुवक के लिए इस्तेमाल होता है जो आर्थिक परेशानियों के कारण अपने परिवार के पास वापस रहने आ जाए. बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी ने इसे जन्म दिया है. प्रयोग- I’m not a boomerang child; I’m still on my own. हवाई जहाज़ में साथ में आराम करने का नया तरीक़ा Mumpreneur (ममप्रेनियर), उस महिला के लिए प्रयोग करते हैं जो अपने बच्चों की देख-भाल भी करे और अपना कारोबार भी देखे. ये शब्द भी आर्थिक कठिनाईयों के नतीजे में काफ़ी प्रचलित हुआ जब मां को बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करके फिर दफ़्तर के लिए भागना पड़ता है और इसमें मध्यमवर्ग के लोग शामिल है. Cuddle class (कडल क्लास)- हमारे राजनेता शशि थरूर ने एक बार कैटल क्लास की बात कही थी तो बवाल हो गया था लेकिन कडल क्लास की बात ही कुछ और है. यह हवाई सफ़र करने वालों की नई शब्दावली है जिसमें लोग दो की जगह तीन टिकट ख़रीदते हैं ताकि वो दोनों साथ में आराम कर सकें. Squeezed middle (स्क्वीज़्ड मिडिल)- यानी वह मध्यमवर्ग जो आर्थिक रूप से काफ़ी दबाव में हो. एक टीवी प्रोग्राम के दौरान ये बात आई थी कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी का स्क्वीज़्ड मिडिल से क्या तात्पर्य है तो मिलबैंड ने जो जवाब दिया उससे कोई सहमत हो या न हो लेकिन ऑक्सफ़र्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने उसका अर्थ यह बताया- समाज का वह हिस्सा जो महंगाई से प्रभावित हों, वेतन में कमी या नौकरी जाने से परेशान हों और उनमें आम तौर से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग आते हैं.
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The Supreme Court has broadened the ambit of right of life to bring in a citizen’s right to sleep peacefully under it. A citizen has a right to sound sleep because it is fundamental to life, the Supreme Court said on Thursday while ruling that the police action on a sleeping crowd at Baba Ramdev’s rally at Ramlila Maidan amounted to violation of their crucial • • ab jam ke soiye……………jo sovat hai so pawat hai • •
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