सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा। मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज चुकाओगे? मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभाओगे? मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीष नहीं झुकने दूंगा सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं...

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