हिन्दू धर्म में पुराण बहुत ही ऊँचा स्थान रखते हैं
इनकी संख्या 18 है . इनके नाम हैं -


मार्कण्डेय ,
मत्स्य , भागवत , भविष्य , विष्णु ,वामन , वायु ,
वाराह , ब्रह्माण्ड , ब्रह्म , ब्रह्मवैवर्त , अग्नि ,
नारद , पद्म , लिंग ,गरुण , कूर्म और स्कन्द .


18 उपपुराण - आदि पुराण, नरसिंह पुराण, स्कन्द
पुराण, शिवधर्म पुराण, दुर्वासा पुराण, नारदोक्त
पुराण, कपिल पुराण, वामन पुराण, औशनस पुराण,
ब्रह्माण्ड पुराण, वरुण पुराण, कालिका पुराण,
माहेश्वर पुराण, साम्ब पुराण, सौर पुराण, पाराशर
पुराण, मारीच पुराण, और भास्कर पुराण .


18 औप पुराण- सनत्कुमार पुराण, बृहन्नारदीय
पुराण,आदित्य पुराण,मानव पुराण, नंदिकेश्वर पुराण,
कौर्म पुराण, भागवत पुराण, वशिष्ठ पुराण, भार्गव
पुराण, मुद्गल पुराण, कल्कि पुराण, देवी पुराण,
महाभागवत पुराण, बृहद धर्म पुराण, परानंद
पुराण,पशुपति पुराण, वह्नि पुराण,और हरिवंश पुराण,
इस प्रकार पुराण , उप पुराण, औप पुराण तीनो 18
18 हैं। तीनो मिलाकर 54 होते हैं।


वेद 4 हैं - 1. ऋग्वेद , 2. यजुर्वेद , 3.अथर्वेद
और 4. सामवेद ।
उपवेद भी 4 है - गान्धर्व वेद , धनुर्वेद ,
आयुर्वेद , और स्थापत्यवेद .


वेद के 6 अंग हैं - कल्प , व्याकरण , निरुक्त ,
ज्योतिष , छंद और शिक्षा .
दर्शन भी 6 हैं - (1) मीमांसा (2) न्याय (3)
वैशेषिक (4) सांख्य (5) योग (6) वेदान्त
हिन्दू धर्म में संस्कार 16 होते हैं - गर्भाधान ,
सीमन्त , पुंसवन , जातकरण , नामकरण ,
निष्क्रमण , अन्नप्रासन , वपन -
क्रिया (चुडाकरण) ,कर्णवेध , उपनयन(व्रतादेश ) ,
वेदारम्भ , केशान्त (गोदान )समावर्तन ,
विवाह ,विवाह -अग्नि -परिग्रह , त्रेताग्नि- संग्रह

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